लेखनी प्रतियोगिता -25-Jun-2023 जुदाई V-S मिलन
जुदाई V/S मिलन
आज अवंतिका व आकाश का तलाक होगया था। उन दोनों की शादी को अभी मुश्किल से दो साल ही हुए थे। अब अवंतिका को अपनी लिस्ट के हिसाब से शादी में दिया हुआ सब सामान लेने जाना था।
कोर्ट ने तलाक देते हुए यह भी कहा था कि आकाश को अवंतिका द्वारा प्रस्तुति की गयी लिस्ट के हिसाब से सब सामान व शादी में खाने पर किया गया खर्चा व अन्य सभी खर्चे के दस लाख रुपये भी अलग से देने होगे एवं अवंतिका को हर महीने खर्चे के लिए बीस हजार रुपये भी देने होगे। यदि इस बीच अवंतिका दूसरी शादी कर लेती है तब बीस हजार रुपये नहीं देने होंगे।
कोर्ट से निकलकर दोनौ पक्ष के लोग एक ही ओटो में बैठकर आकाश के घर की तरफ चल दिए। अवंतिका के साथ उसकी भाभी थी जबकि आकाश अकेला ही था। आकाश व अवंतिका ओटो में आमने सामने बैठे थे। अवंतिका आकाश से नजरें भी नहीं मिला पा रही थी जबकि उसकी भाभी के चेहरे पर जीत की खुशी साफ नजर आरही थी।
घर पहुँचकर आकाश ने ही ओटो का किराया दिया और वह अवंतिका से बोला," अब आप स्टोर में जाकर अपनी लिस्ट के हिसाब से अपना सामान मिलालो जो कम हो बता देना मै नया खरीदकर देदूँगा।"
अवंतिका व उसकी भाभी स्टोर की तरफ बढ़ गये। उसकी भाभी सामान चैक करने लगी। अवंतिका वहाँ से आकाश के पास बैठक में आगयी।
आकाश ने अवंतिका से पूछा," आप अपना खाता नम्बर देदो दस लाख रूपये मैं उसमें ट्रान्सफर कर दूँगा आज तो आपको आजाद होने की खुशी होनी चाहिए परन्तु आप खुश नहीं नजर आरही हो।? अब आप खुले गगंन में स्वच्छन्द उड़ सकती हो। आज सारे वन्धनौ से आजादी मिल गयी।"
अवंतिका ने अपना मौन तोड़तेहुए कहा," खुशी तो आपको होनी चाहिए आकाश ! क्यौकि आपको मुझ जैसी जाहिल व बदचलन औरत से छुटकारा मिल गया। अब आप किसी पढी़लिखी से शिदी कर लेना अब आप भी तो आजाद हो? "
" नहीं अवंतिका तलाक की पहल तो आपने की थी मैने नही ? और मैने कोर्ट में आप पर जो यह आरोप लगाये थे उनके लिए छमा चाहता हूँ। आपने भी तो दहेज का लोभी और न जाने क्या कहा था?"
" और मैं क्या कहती औरत पर एक ही हथियार है दहेज ? आपने ही तलाक के कागज तैयार करवाकर भिजवाये थे। उन पर आपके हस्ताक्षर भी थे ?" अवंतिका बोली।
"नहीं यह झूंठ है मै तो आपके घर समझौता करने गया था। आपकी भाभी ने मुझे आपसे मिलने ही नही दिया और यह कहकर मुझे बापिस भेज दिया कि आब कोर्ट में ही मुलाकात होगी। मै आपके नाम का एक खत भी देकर आया था जिसमें मेरा माफीनामा भी था।"
"नहीं आकाश मुझे ऐसा कोई खत आजतक नहीं दिया गया।और न आपके आने की खबर दीगयी मुझे तो बस इतना बताया गया कि आपका बकील मेरे भाई को तलाक के पेफर देकर गया था कि इसपर मेरे हस्ताक्षर करवा दिये जाय।" अवंतिका बोली।
आकाश बोला," नहीं यह झूठ है आपकी भाभी मेरे पास तलाक के पेपर लेकर आई थी और उन्होने कहा था कि तुझ गंवार से मेरी ननद तलाक चाहती है। मै क्या करता मैने कितनी बारफौन भी किया था लेकिन फौन आपकी भाभीही उठाती थी। उन्हो़ने एकभी बार आपसे बात नहीं करवाई फिर मैं क्या करता मैने हारकर तलाक के पेपरौ पर हस्ताक्षर कर दिये।"
अब आवंतिका की समझ में आगया था कि उसकी भाभी ने कभी नहीं बताया कि आकाश का फौन आया था। क्यौकि अवंतिका के घर लैंडलाइन फौन था जो भाभी के कमरे में रखाहुआ था।
आकाश बोला," अब पुरानी बातौ को करने का क्या फायदा ? अब आप आजाद हो। हाँ मै मानता हूँ कि मैने आपको उस दिन जो थप्पड़ मारा था मेरी भूल थी। लेकिन मै क्या करता ? जब आपने मेरी माँ जैसी भाभी को अपशब्द बोले तब मै सहन नही कर पायाऔर यह भूल होगयी। मेरी भाभी ने मुझे बेटे की तरह पाला था।।" इतना कहकर आकाश की आँखें भीग गयी।
आकाश ने अपनी आँखें पौछते हुए पूछा, " आप चाय पीओगी?"
"आप चाय बनाना कब सीख गये?"
"पेट की भूख सब कुछ सिखा देती है अवी? जब भाभी को मालूम हुआ कि मैने आपको थप्पड़ मारा है तब भाभी ने मुझे डांटा और कहा था कि आकाश मै नहीं जानती थी तुम इतने बद्तमीज हो आज से तुम अपना काम स्वयं करोगे खाना भी बनाओ खाओ मै तुझसे बात नहीं करूगी। तुम्हारे अपराध की यहींसजा है जाओ आवंतिका सेमांफी मांगकर उसे मायके से बापिस लेकर आओ? फिर मै आपके घर गया था लेकिन आप नहीं मिली? अब मैं क्या करता खाना बनाना सीखना पडा़। भाभी ने यह घर छोड़ दिया वह मुझे अकेला छोड़कर किराये के मकार्न में चली गयी ।" आकाश बोला।
आवंतिका को आज बहुत दिनबाद आकाश के मुँह से अवी सुनकर आच्छा लगा और वह सोचने लगी कि यह सब मेरी भाभी का किया हुआ है क्यौकि भाभी ने ही मुझे भड़काया था। मैने जब भी आकाश से बात करने की कोशिश की तब भाभी ने मना कर दिया।
अवंतिका बोली ,"आज चाय मै ही बनादेती हूँ ?" इतना कहकर वह किचन में गयी तो किचन का हाल देखकर दंग रह गयी क्यौकि किचन का बुरा हाल था चाय का पतीला जला हुआ था। जली हुई रोटियां रखी थी। अवंतिका पतीला साफ करने लगी तबतक वहा़ आकाश पहूँच गया और उसके हाथ पतीला लेकर बोला ," आप छोडो़ मै साफ कर देता हूँ।"
इस छीना झपटी में आकाश की आँख में कुछ गिरगया। अवंतिका ने अपने आँचल से उसकी आँख को साफ किया।
"अवी अब यह जुदाई सहन नहीं होती है तुम लौट आओ? मै तुयसे कान पकड़कर माँफी मिंगता हूँ मुझे मांफ करदो। अभी कुछ नहीं बिगडा़ है? यदि तुम मुझे मांफ कर दोगी तो मेरी भाभी मुझे मांफ कर देगी।उन्होंने मुझे आजतक मांफ नहीं किया है।" आकाश अवंतिका से बोला।
" इस तलाक आ क्या होगा ? "
आकाश ने वह कागज अपनी जेब से निकालकर फाड़ दियेऔर इसके बाद दोनौ ने एक दूसरे को अपनी बाहौ में जकड़ लिया।
अवंतिका की भाभी उसी समय वहाँ आगयी। उन दोनौ को एक दूसरे की बाहौ में देखकर वह बापिस लौट गयी । उसे इस बात का बहुत अफसोस हो रहा था कि इतने दिन से उसने उन दोनों को मिलने नहीं दिया था तब यह तलाक हो सका था। परन्तु आज जैसे ही दोनौ मिले और गिला शिकवा दूर करके एक होगये।
इतने दिनों की जुदाई मिलन में बदल गयी।
आज की दैनिक प्रतियोगिता हैतु रचना।
नरेश शर्मा " पचौरी "
HARSHADA GOSAVI
05-Jul-2023 10:18 AM
very nice
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Abhilasha Deshpande
28-Jun-2023 03:41 AM
Nice
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Shnaya
27-Jun-2023 06:05 PM
Nice one
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